पूरे देश में कोरोनावायरस को लेकर खौफ है। भारत में अब तक covid19india.org वेबसाइट के अनुसार 29 राज्यों में कोरोनावायरस के संक्रमितों की संख्या 2 हजार 72 हो गई है। 169 लोग ठीक हुए, जबकि 56 मौतें हुईं। मंगलवार से बुधवार तक 24 घंटे में रिकॉर्ड 437 नए केस सामने आए। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 335 कोरोना संक्रमित हैं। ये आंकड़े इस महामारी की भयानकता को बताने के लिए काफी हैं। निजामुद्दीन मरकज में जमातियों के बीच संक्रमित भी मिले थे। इसके बाद सतर्क हुए प्रशासन ने जमातियों की जांच करना शुरू किया तो उन्होंने इसे मजहब पर खतरा मानने की बेवकूफी शुरू कर दी। ये हमारी सोच का सबसे निम्नस्तर ही है।
जिनकी जान बचाने आए थे, उन्हीं से जान बचाकर भागे डॉक्टर
इंदौर के टाटपट्टी बाखल में बुधवार कोरोना संक्रमितों की जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर यहां के लोगों ने पथराव कर दिया। स्वास्थ्य कर्मी जिन लोगों की जान बचाने गए थे, उन्हीं से उन्हें अपनी जन बचाकर भागना पड़ा। यहां के सिलावटपुरा में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद स्वास्थ्य कर्मी यहां संदिग्धों की जांच करने पहुंचे थे। पुलिस ने इन उपद्रवियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज किया है। स्वास्थ्य विभाग की एक महिलाकर्मी ने पुलिस को बताया- पॉजिटिव मरीज की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री मिलने के बाद उसकी जानकारी लेने पहुंची टीम पर कई लोगों ने पथराव किया। स्वास्थ्यकर्मी सीधे थाने की तरफ भागे। क्वारैंटाइन करने के नाम पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर परेशान करने का आरोप लगाने वाले परिवार के 3 सदस्य कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। मंगलवार रात आई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई।
राहत इंदौरी ने कहा- खुद पर, अपनी बिरादरी, अपने मुल्क व इंसानियत पर रहम खाएं
मशहूर शायर राहत इंदौरी ने कहा, 'कल रात 12 बजे तक मैं दोस्तों से फोन पर पूछता रहा कि वह घर किसका है, जहां डॉक्टरों पर थूका गया है, ताकि मैं उनके पैर पकड़कर माथा रगड़कर उनसे कहूं कि खुद पर, अपनी बिरादरी, अपने मुल्क व इंसानियत पर रहम खाएं। यह सियासी झगड़ा नहीं, बल्कि आसमानी कहर है, जिसका मुकाबला हम मिलकर नहीं करेंगे तो हार जाएंगे। ज्यादा अफसोस मुझे इसलिए हो रहा है कि रानीपुरा मेरा अजीज मोहल्ला है। 'अलिफ' से 'ये' तक मैंने वहीं सीखा है। उस्ताद के साथ मेरी बैठकें वहीं हुईं। मैं बुजुर्गों ही नहीं, बच्चों के आगे भी दामन फैलाकर भीख मांग रहा हूं कि दुनिया पर रहम करें। डॉक्टरों का सहयोग करें। इस आसमानी बला को फसाद का नाम न दें। इंसानी बिरादरी खत्म हो जाएगी। जिंदगी अल्लाह की दी हुई सबसे कीमती नेमत है। इस तरह कुल्लियों में, गालियों में, मवालियों की इसे गुजारेंगे तो तारीख और खासकर इंदौर की तारीख जहां सिर्फ मोहब्बतों की फसलें उपजी हैं, वह तुम्हें कभी माफ नहीं करेगी।
बिहार: जान की कीमत समझाने गए पुलिस वालों किया लहूलुहान
मुजफ्फरपुर में पुलिस लोगों को लॉकडाउन का मतलब समझाने गई थी। मुंगेर में 11 साल की बच्ची की संदिग्ध मौत के बाद पुलिस स्वास्थ्य विभाग की टीम को लेकर लोगों की जांच कराने गई थी। लेकिन, अपनी जान और समाज के दुश्मनों ने पुलिस पर हमला करके उन्हें लहूलुहान कर दिया। मुजफ्फरनगर पुलिसकर्मियों पर भीड़ ने किया हमला। सब इंस्पेक्टर व 2 कांस्टेबल को पीटकर घायल कर दिया। मुंगेर के हजरतगंज बाड़ा में लोग अपनी सुरक्षा को लेकर इतने लापरवाह थे कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को यह समझाने लगे कि यहां कोरोना से किसी की मौत नहीं हुई। पुलिस ने एहतियात का पाठ पढ़ाया तो लोग पथराव करने लगे। खुद के और समाज के दुश्मनों से जूझते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम पथराव के बीच बामुश्किल सैंपल ले पाई।
सहारनपुर: मस्जिद के बाहर जमा लोगों को समझाने पहुंची पर हमला
सहारनपुर के जमालपुर गांव में मंगलवार शाम मस्जिद के बाहर लोगों के एकत्र होने की सूचना पर जमालपुर गांव पहुंची पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लिया और लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाने की अपील की। लेकिन भीड़ ने पुलिस पर ही हमला कर दिया और हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ा लिया। भीड़ ने पुलिस के साथ मारपीट भी की है, जिसमें दो पुलिसकर्मी चोटिल होने बताए गए है, हालांकि पुलिस मारपीट की घटना से इंकार कर रही है। इस मामले में पुलिस ने पांच महिलाओं समेत 26 लोगों के खिलाफ सरकार द्वारा महामारी फैलने पर जारी की गई एडवाइजरी का उल्लंघन करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की है।
रायपुर में सफाईकर्मियों से मारपीट
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नगर निगम के कर्मियों को लोगों की बदसलूकी झेलनी पड़ी। दो नगर निगम कर्मी लॉकडाउन के दौरान सैनेटाइजेशन का काम कर रहे थे। मौदहापारा इलाके में उसके साथ कुछ लोगों ने मारपीट की। इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
कर्नाटक में आशा कार्यकर्ता पर हमला
बेंगलुरु में कोरोनावायरस से जुड़ा डेटा कलेक्ट करने गई एक आशा कार्यकर्ता पर लोगों हमला बोल दिया। आशा कार्यकर्ता कृष्णावेनी का आरोप है कि एक मस्जिद से इस बारे में ऐलान किए जाने के बाद उसके ऊपर हमला हुआ। कृष्णावेनी ने मस्जिद से हमले के लिए उकसाने वाले की गिरफ्तारी की मांग की है।
रांची में स्क्रीनिंग करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को भीड़ ने खदेड़ा
रांची के हिंदपीढ़ी क्षेत्र में मलेशिया की एक महिला कोरोना पॉजिटीव पाई गई है। जिस घर से महिला मिली, उसके आसपास के घरों में रहने वालों के स्वास्थ्य की जांच के लिए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम बनाई। टीम गुरुवार को लोगों की जांच करने पहुंची तो स्थानीय लोगों ने इनका विरोध किया। ये लोग प्रशासन पर हिंदपीढ़ी क्षेत्र को बदनाम करने का आरोप लगा रहे थे। कोई भी स्वास्थ्य जांच के लिए तैयार नहीं हुआ। भीड़ के विरोध के चलते टीम के वापस लौटना पड़ा।
जयपुर में पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके, दो चोटिल
जयपुर के रामगंज इलाके में गश्त कर रहे है पुलिसकर्मियों पर मंगलवार को कुछ लोगों ने पत्थर फेंके। हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हुए। गुरुवार को इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया। दरअसल, मंगलवार को रामगंज में गस्त के दौरान कुछ लड़के पुलिस को देखकर बाइक से भागने लगे। इसमें एक की बाइक गिर गई। इस बीच आसपास के लोगों ने पत्थर फेंक दिया। इसमें दो पुलिसकर्मियों के चोटें आई थी।
नई दिल्ली: धर्म की शिक्षा लेने आए जमातियों ने किया अधर्म
नई दिल्ली. निजामुद्दीन स्थित मरकज की इमारत से बुधवार सुबह तक 2000 से ज्यादा जमातियों को बाहर निकाला गया था। धर्म की शिक्षा लेने आए जमातियों ने यहां अधर्म का काम किया। तब्लीगी जमात के जिन 167 लोगों को बसों के जरिए क्वारैंटाइन सेंटर ले जाया जा रहा था, उनमें शामिल कई लेाग जगह-जगह थूक रहे थे। पुलिस और डॉक्टर्स पर भी थूका गया। इन लोगों ने डॉक्टरों और देखरेख में जुटे स्टाफ को गालियां दीं और उन पर थूका। ये लोग पूरी इमारत में घूम रहे हैं। एक व्यक्ति ने तो खुदकुशी की भी कोशिश की। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि तब्लीगी जमात ने तालिबानी अपराध किया है। इसे प्रकार की आपराधिक गतिविधियों के लिए माफ नहीं किया जा सकता। जमात ने कई लोगों की जान खतरे में डाली है। ऐसे संगठनों और लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। हो सकता है कि ऐसा जानबूझकर किया गया हो और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। बता दें- मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच हुए कार्यक्रम में देश-विदेश के 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। लेकिन, इसके बाद भी करीब 2000 से ज्यादा लोग यहां रुके रहे, जबकि ज्यादातर लॉकडाउन से पहले अपने घरों को लौट गए। यहां से संक्रमण का कनेक्शन दिल्ली समेत 22 राज्यों से जुड़ रहा है। इनमें तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी, कर्नाटक, अंडमान निकोबार, आंध्रप्रदेश, श्रीनगर, दिल्ली, ओडिशा, प.बंगाल, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात, मेघालय, मणिपुर, बिहार, केरल और छत्तीसगढ़ शामिल है। मरकज में शामिल होने के लिए 2100 विदेशी पहुंचे थे। दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए धार्मिक सम्मेलन आयोजित किए जाने पर आयोजनकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और मरकज को सील कर दिया है।